हर कलाकार अपने नए किरदार में ढलने से पहले पूरी तैयारी करता है, लेकिन हर बार चीजें उसी तरह सामने नहीं आतीं, जैसी हमने सोची होती हैं। कभी-कभी किरदार हमें चौंका देता है और बहुत कुछ नया सिखा जाता है।यही अनुभव हुआ अभिनेत्री मोनिका खन्ना को, जो सन नियो के नये शो प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी में रमकुड़ी की भूमिका निभा रही हैं। अपनी दमदार अदाकारी के लिए मशहूर मोनिका ने इस किरदार के लिए अलग ही रास्ता तय किया।

भूमिका को लेकर अपनी शुरुआती तैयारी पर बात करते हुए उन्होंने कहा,“जब मुझे यह किरदार ऑफर हुआ, तो मैंने अपना होमवर्क किया।
मुझे बताया गया कि वह एक ऐसी औरत है, जिसे छोड़ दिया गया, जिसने जेल देखी है और मानसिक अस्पताल में भी वक़्त गुजारा है। स्वाभाविक था कि मैंने इस रोल को बहुत डिटेल और ड्रैमेटिक अंदाज में तैयार किया, लेकिन सब उल्टा हो गया। मैंने जो भी तैयारी की थी, सब बेकार हो गई। रघुवीर सर ने साफ कर दिया कि उन्हें कुछ भी ज़्यादा ड्रैमेटिक या ओवर-द-टॉप नहीं चाहिए। शुरुआत में मैं काफी उलझन में थी कि अब किरदार को कैसे आगे बढ़ाऊँ। धीरे-धीरे समझ आया कि वे वास्तव में चाहते क्या हैं।”
मोनिका आगे कहती हैं,“वे चाहते थे कुछ सच्चा और वास्तविक।हर दर्द से गुजरा इंसान ज़रूरी नहीं कि शोर मचाता हुआ खलनायक बन जाए।कुछ लोग अपना दर्द एक नकली हंसी के साथ चुपचाप ढोते हैं। वे बदला भी लेते हैं, लेकिन उनके तरीके धीरे-धीरे असर करने वाले होते हैं, जैसे स्लो पॉइजन। ऊपर से वे मासूम दिख सकते हैं, लेकिन भीतर से दीमक की तरह सबको खोखला कर देते हैं और यही असल में इस किरदार की आत्मा है।”
इस अनुभव से मिले नए सबक पर उन्होंने कहा,“अंत में मेरी पहले की सारी तैयारी काम नहीं आई, लेकिन वही मेरे लिए सबसे बड़ी सीख बन गई। कई बार जब चीजें हमारे हिसाब से नहीं चलतीं, तब ही कुछ नया और ज्यादा प्रभावशाली जन्म लेता है।यही मैं इस किरदार के जरिए सीख रही हूँ।”
प्रथाओं की ओढ़े चुनरी:बींदणी की कहानी है घेवर नामक एक चंचल और जीवंत लड़की की है जो राजस्थान के छोटे से गाँव में रहती है। माता-पिता के गुज़र जाने के बाद उसका संसार उसके बड़े भाई और भाभी के इर्द-गिर्द ही सिमट जाता है।लेकिन किस्मत तब करवट बदलती है, जब उनकी ज़िंदगी में एक नवजात शिशु आता है-एक ऐसा बच्चा, जो दो बिल्कुल अलग दुनिया को जोड़ देता है।
उम्मीद, दर्द और छुपे हुए सच की इस कहानी में घेवर अपने रिश्तों, वादों और अपने प्यार की रक्षा के लिए संघर्ष करती दिखई देती है।
देखिए प्रथाओं की ओढ़े चुनरी:बींदणी हर रोज़ रात 9:00 बजे केवल सन नियो पर।
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